मोबाईन फोन खो जाने पर क्या करे ? मोबाईन फोन खो जाने पर क्या करे ? इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है , तो सबसे पहले बात करते है...
मोबाईन फोन खो जाने पर क्या करे?
मोबाईन फोन खो जाने पर क्या करे?
इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, तो सबसे पहले बात करते हैं कि साइबर क्राइम किसे कहते हैं?
ऐसे
क्राइम जो इंटरनेट या साइबर स्पेस में होते हैं, उन्हें साइबर क्राइम कहा जाता है।
ऐसे अपराध को कोई ऐसा अनजान व्यक्ति अंजाम देता है, जिसे कंप्यूटर और इंटरनेट की बहुत
अच्छी नॉलेज होती है। ऐसे व्यक्ति इन्टरनेट का गलत
इस्तेमाल करके साइबर क्राइम को बढ़ावा देते हैं। आज के दौर में साइबर क्राइम दिन
प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे परिस्थिति में साइबर क्राइम के बारे में लोगों को
सही जानकारी होना बेहद जरूरी है, जिससे लोग इन सब से बचे रहे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज
के समय में इंटरनेट बहुत सारे फायदे दे रहा हैं, लोग एक दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं, लेकिन साथ ही आये दिन लोग साइबर क्राइम
जैसे हैकिंग स्कैनिंग, आइडेंटिटी
थेफ्ट, स्पैमिंग
जैसी कई चीजों के शिकार भी बन रहे हैं।
आज
साइबर क्राइम के कारण दुनिया भर में अपराध की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए इन
अपराधों से बचने के लिए आपको इसके पर्याप्त जानकारी का होना बेहद जरूरी है।
GooglePay, PhonePay, PayTM के इसको कहीं पे नोट डाउन करके
रख लीजिये बहुत ही जरूरी नंबर्स है ये। जब आप इन हेल्प लाइन नंबर पे कॉल करोगे तो
आपको बहुत सारे ऑप्शंस वहाँ पे सुनाई देंगे आपको वहाँ पे Lost Phone वाले ऑप्शन को सेलेक्ट करना है आपकी कॉल वहाँ पे रिडाइरेक्ट
की जाएगी कस्टमर एग्जीक्यूटिव को वो आपसे आपकी ईमेल आई डी आपका फ़ोन नंबर और जन्म दिनांक आपसे पूछेगा, वेरिफाइ होने पे आपके डिजिटल वॉलेट, जो आपका अकाउंट्स हैं, उसी टाइम ब्लॉक कर दिया जायेगा
S.No. |
Company
Name |
Customer
Care No |
1 |
GooglePay |
18004190157 |
2 |
PhonePay |
08068727374,
02268727374 |
3 |
PayTM |
01204456456 |
साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है
जिसमें अपराधी, हैकिंग, स्पैमिंग इत्यादि का इस्तेमाल
करके कई सारे अपराध जैसे Important Doucments की चोरी करना, Important Files की चोरी करना, Online
Fraud Identity
Theft जैसे कई
खतरनाक अपराध को अंजाम देते हैं। ऐसे लोग जो इस तरह के अपराध को अंजाम देते हैं, उन्हें साइबर क्रिमिनल्स के नाम से
जाना जाता है या साइबर
क्रिमिनल्स, इंटरनेट और
कंप्यूटर का प्रयोग करके Personal Information Business
Related secret बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि को ऐक्सेस कर के खतरनाक अपराध को
अंजाम देते हैं। आज के इंटरनेट दौर में इस खतरनाक अपराध को अंजाम देने के लिए
अपराधी कंप्यूटर, इंटरनेट, डिजिटल उपकरणों तथा गैर कानूनी एक्टीविटी
का प्रयोग करते हैं, इसलिए इन्हें हाइकर्स(Hackers) और क्रैकर्स(crackers) कहा जाता है।
साइबर क्राइम से निपटने के लिए
भारत सरकार द्वारा एक Dedicated Website cybercrime.gov.in की शुरुआत की है। जहाँ पर आप इसे संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते है।
Solutions of Cybercrime:-
साइबर क्राइम से कैसे बचा जा सकता
है?
1-
यदि आपका कंप्यूटर इंटरनेट से हमेशा कनेक्टेड रहता है तो ऐसे
में हैकर्स और वायरस दोनों के आने का खतरा बढ़ जाता बढ़ जाता है। ऐसे में आपका
डेटाबेस सुरक्षित नहीं रहता है। इसलिए जब इंटरनेट का जरूरत हो तभी इस्तेमाल करें।
2- यदि आप कंप्यूटर पर काम नहीं कर रहे हैं तो अपने कंप्यूटर को ओपन करके न छोड़े बल्कि उसे शट डाउन या लॉग ऑफ कर दें ताकि कोई भी आपकी जानकारी को ऑनलाइन भी पा ना कर सके।
3- साइबर क्रिमिनल्स, अनजान E-mail अथवा ऑनलाइन विज्ञापन या Link id के जरिए झांसा देकर निजी जानकारी को चुरा सकते हैं। ऐसे में यदि आपको कुछ ऐसा संदिग्ध लगता है तो तुरंत इसे डिलीट कर दें और इन सब से सावधान रहें।
4- अपने लैपटॉप, मोबाइल में मुफ्त पब्लिक वाइ फाइ के इस्तेमाल से बचें ताकि आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रहें। जब भी कोई ट्रांजैक्शन्स या कहीं लॉग इन करना हो तो हमेशा अपनी विश्वसनीय नेटवर्क या होम वाइ फाइ नेटवर्क का ही इस्तेमाल करें। पब्लिक वाइ फाइ इस्तेमाल करने से हैकर आसानी से आपके डेटा जैसे अकाउंट डिटेल्स, पासवर्ड आदि को चुरा सकते हैं।
5- इंटरनेट बैंकिंग या ऑनलाइन शॉपिंग करते समय सुरक्षित वेब साइट का इस्तेमाल करें। ऐसी वेबसाइट का उपयोग करें जीस वेब साइट में एड्रेस बार में लॉक सिंबल(Lock SymbolÏलिया एचटीटीपीएस(https) के साथ यूआरएल रहता है, ऐसे ही वेबसाइट का ही आप उपयोग करें। ऐसी वेब साइट आपकी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए इनक्रिप्शन का इस्तेमाल करते हैं।
6- ऑनलाइन सिक्योरिटी के लिए कई प्रकार के एंटीवायरस सॉफ्टवेयर आते हैं जो वायरस या मैलवेयर से आपके कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए काफी जरूरी है। इसलिए अपने सिस्टम में हमेशा एक अच्छा लेटेस्ट और अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। हमेशा अलग अलग वेबसाइट और ऐप्स के लिए अलग अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। सभी जगह एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल ना करें और अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें। ध्यान रहे आप जो नया पासवर्ड बनाने जा रहे हैं वो आपकी पिछलें पासवर्ड से अलग और यूनीक होना चाहिए।
सतर्क व सूचित रहे तथा ऐसी नई नई अपडेट
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