Tally Default Group
Tally Default Group
किसी व्यापार में तीन व्यवहार हमेशा रहते है।
- Assets संपति,
- Liabilities जिम्मेदारी
और,
- Proffit and Loss
इन्ही तीनो व्यवहार को आधार मानते हुए टेली में कुछ डिफोल्ट ग्रुप बनाये गये हैा इन्ही दोनो आधार पर आप टेली के ग्रुप को हम सिखेंगे:-
Assets |
Liabilities |
Bank Accounts: - ऐसा खाता जिसमें
पैसों का लेनदेन होता है, जैसे पैसा जमा करते
हैं और पैसे निकालते हैं वहाँ पर हम बैंक अकाउंट का ग्रुप रखेंगे। जैसे:- बैंक सेविंग्स अकाउंट, बैंक करेंट अकाउंट, इन दोनों का ग्रुप बैंक अकाउंट के
अंदर में बनेगा। |
Bank OD Accounts: - इस ग्रुप में हम बैंक ऑडी अकाउंट को
रखते हैं, जिसका मतलब होता है बैंक ओवरड्राफ्ट
या इसी को हम बैंक ओसीसी कहते हैं, जिसका मतलब होता है
बैंक ओपन कैश क्रेडिट अकाउंट या तो इसी को आप सीसी अकाउंट भी बोलते हैं, तो बैंक इसमें कुछ लिमिट दे देता है। उसको हमको यूज़ करना रहता है, उसी तरह क्रेडिट
कार्ड को भी इसी ग्रुप में रखा गया है। क्रेडिट कार्ड का एंट्री भी सेम रहता है, उसमें भी लिमिट
दिया रहता है। |
Cash in Hand Group: - इस ग्रुप में सिर्फ एक ही लेज़र बनता
है कैश का जो की टैली में पहले से बना रहता है। एग्जाम्पल के लिए Cash Account |
Duties and Taxes: - इस ग्रुप में हम जितना भी टैक्स का
एंट्री करते हैं उसका लेज़र इसी के अंदर में बनते हैं। ड्यूटी एंड टैक्सेस के तो
एग्जाम्पल देख लेते है GST, TDS etc. |
Deposit Assets: - वह सम्पत्ति जो
कहीं जमा है और हमें वह कुछ समय बाद मिलना है। वहाँ पर हम डिपॉजिटर्स का यूज़ किया
जाता है, जैसे एग्जाम्पल देख लेते हैं
सिक्योरिटी डिपॉजिट के लिए पैसा जमा करवाना। Security Deposit for Rent जैसे Rent लेना है तो आपको कुछ सिक्योरिटी मनी जमा करवाना रहता है। उसकी
एंट्री भी डिपॉजिट असेट के अंदर में होगा। |
Loan in Advance Assets: - इस ग्रुप में ऐसा लेज़र बनता है जहाँ
हम दूसरे को लोन या एडवांस के रूप में पैसे देते हैं। Example है Advance Payment, किसी को करते है तो इसी के अंदर खाता
बनेगा । |
Fixed Assets: - का मतलब होता है,
स्थायी संपत्ति। ऐसी संपत्ति जो हम
अपने काम के लिए खरीदते हैं या अपने काम आती है, वहाँ बेचने के लिए
नहीं होता, उसे फिक्स जैसे आप बोलते है, जैसे एग्जाम्पल हो
गया मशीनरी आइटम जैसे कोई भी इंडस्ट्री हो, या तो फिर कोई भी व्यापरिगण कुछ मशीन को लगता है वहाँ पर हम
मशीनरी आइटम को भी फिक्स्ड एसेट में लेकर टेली में इंट्री करते हैं। जैसे- ऑफिस में होने वाले
चेयर, कंप्यूटर आदि, ये सब फिक्स्ड एसेट है। |
Secured Loan: - इस ग्रुप में ऐसा लेज़र बनाते है जहाँ
हम दूसरे से लोन लेते हैं जहाँ उस लोन के बदले को सिक्योरिटी रखना पड़ता है। कोई
भी दोस्त हो आप लोन लेते हैं, जो सेक्युरिटी रखना
पड़ता है उसके एंट्री हम Secured Loan के अंदर में करते हैं अधिकतर लोन सिक्योर्ड लोन का बिज़नेस में
जीतने भी लोन होते हैं वे सिक्योर्ड लोन में ही रहते है। |
Investment: - का मतलब होता है निवेश। इस ग्रुप में अपने प्रॉफिट के लिए निवेश
करते हैं, उसके लेज़र बनते हैं। जसै- म्यूचुअल फंड हम
म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के लिए करते हैं तो उसका लेज़र बना सकते हैं। बहुत
सारी कंपनियों को बहुत सारे शेयर्स लगते हैं, तो वहाँ पर भी आप इसकी एंट्री कर सकते हैं। |
Unsecured Loan: - इस ग्रुप में ऐसा लेज़र बनाते है जहाँ
हम दूसरे से लोन लेते हैं। जहाँ उस लोन के बदले कुछ भी सेक्युरिटी नहीं देना
पड़ता तो इसका एग्जाम्पल देख लेते हैं। पर्सनल लोन पर्सनल लोन में क्या? हमको कुछ भी
सिक्योरिटी नहीं देना पड़ता है यहाँ पर डाइरेक्टली आपके अकाउंट में जो काम का लोन
रहता है वो आसानी से मिल जाता है इसलिए Unsecured Loan रहता है। |
Fixed Deposit: - एफ.डी. होता है वो भी एक
इन्वेस्टमेंट के लिए रहता है। एक टाइम हम डालते हैं और वोकुछ समय बाद डबल होकर
निकलता है, उसी तरह RD होता है। |
GST Receivable जो GST रिसीव होता है
उसका भी कर सकते हैं। उसी प्रकार TDS Receivable Advance Staff Salary जो स्टाफ को Salary देते हैं। ऐड्वैन्स में उसका भी इसी के अंदर में लेज़र बना सकते
हैं। |
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